Grenade attack: शिवसेना (UBT) ने केंद्र सरकार को घेरा, कश्मीर में ग्रेनेड हमले के बाद चुनावी राजनीति पर ध्यान देने का आरोप
Grenade attack: शिवसेना (UBT) ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में हुए एक ग्रेनेड हमले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का कहना है कि केंद्र सरकार कश्मीर के मुद्दों के समाधान में रुचि नहीं ले रही है और उसकी प्राथमिकता महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले आगामी चुनावों पर केंद्रित है।
घटना का विवरण
यह घटना रविवार को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर की राजधानी में हुई, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के बंकर के बाहर एक बड़ा ग्रेनेड हमला किया गया। इस हमले में कम से कम 11 नागरिक घायल हुए हैं। आतंकवादियों ने यह ग्रेनेड उस समय फेंका जब लाल चौक में हर रविवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार में भारी भीड़ थी। ग्रेनेड हमले के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई, और दुकानदार अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। घायल लोगों को श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल (SMHS) में जल्दी से भर्ती कराया गया।
सुरक्षा बलों के खिलाफ बढ़ते हमले
यह ग्रेनेड हमला तब हुआ जब शनिवार को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर और अनंतनाग जिलों में प्रतिबंधित लश्कर-ए-ताइबा (LET) के एक शीर्ष पाकिस्तानी कमांडर और दो अन्य आतंकवादियों को सुरक्षा बलों द्वारा मारा गया था। इस हमले के बाद शिवसेना (UBT) ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
शिवसेना (UBT) की आलोचना
‘सामना’ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर में स्थिति को स्थिर करने में कम रुचि ले रही है। सरकार की सारी बैठकें महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी जीत के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त हैं, बजाय इसके कि वह कश्मीर की स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए।
चुनावी राजनीति की चिंता
हाल के चुनावों के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर चुनावी मोड में आ गए हैं। शिवसेना का कहना है कि इनका मुख्य ध्यान आगामी चुनावों पर है, और यह प्रतीत होता है कि उनके पास जम्मू और कश्मीर के मुद्दों को सुलझाने के लिए कम समय है।
आतंकवाद की बढ़ती घटनाएँ
सामना ने यह भी उल्लेख किया कि कश्मीर में हाल के दिनों में सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। केवल अक्टूबर महीने में जम्मू और कश्मीर में पांच अलग-अलग हमले हुए हैं, जो कि केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती है। एक आतंकवादी अभी भी फरार है और अधिकारियों पर फायरिंग कर रहा है।
उमर अब्दुल्ला की चिंता
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में अचानक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उस समय बढ़ी है जब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्रीय सरकार को इस मुद्दे का उत्तर देना चाहिए।
सरकार की ओर से कोई कार्रवाई?
इस गंभीर स्थिति के बावजूद, केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया का अभाव है। शिवसेना (UBT) का कहना है कि यह स्थिति चिंताजनक है और केंद्र को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कश्मीर में शांति स्थापित की जा सके।
कश्मीर में हुए ग्रेनेड हमले ने एक बार फिर से उस समस्या को उजागर किया है, जो इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। शिवसेना (UBT) ने केंद्र सरकार की चुनावी राजनीति को इस संकट का कारण बताया है, जबकि उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस गंभीर समस्या को सुलझाने के लिए कब और कैसे कदम उठाएगी। शिवसेना (UBT) की आलोचना और स्थानीय नेताओं की चिंताओं के बीच, जम्मू और कश्मीर में शांति और सुरक्षा स्थापित करना आवश्यक है। इस संदर्भ में, केंद्र सरकार को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना होगा और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा और कल्याण को पहले स्थान पर रखना होगा।